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2012 में खेल की दुनिया में बहुत कुछ घटित हुआ. किसी ने अपने प्रर्दशन से देश को निराश किया तो किसी ने बतौर खिलाड़ी अपने खेल में कीर्तिमान स्थापित किया.
ओलंपिक में मरे का सपना हुआ साकार
ब्रिटेन के टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने लंदन ओलंपिक 2012 के टेनिस पुरुष एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता. एंडी मरे की यह जीत अपने आप में ऐतिहासिक थी. इस जीत के साथ एंडी मरे वर्ष 1908 के बाद से टेनिस की एकल स्पर्धा में खिताब जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने. मरे ने मैच में रोजर फेडरर को 6-2, 6-1, 6-4 से हराया. मरे का यह जलवा आगे अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट देखने को मिला जहां उन्होंने खिताबी मुकाबले में सर्बिया के नोवाक जोकोविच को हराया.
तकनीक की दुनिया में क्या कुछ हुआ
भारत ने ओलंपिक में इतिहास रचा
ओलंपिक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने लंदन में कुल 6 मेडल जीते थे. इससे पहले बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारत को 3 पदक मिले थे. इस बार भारत को कुश्ती में 2, शूटिंग में 2, बैडमिंटन में 1 और बॉक्सिंग में 1 पदक मिला. इसी ओलंपिक में पहलवान सुशील कुमार ने रजत पदक जीता. इस जीत के साथ ही वह भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिसने लगातार दूसरा ओलम्पिक पदक जीता.
खेलों की दुनिया में ये रहे चर्चित
ओलंपिक में पहली बार महिला मुक्केबाजी
ओलंपिक खेलों के इतिहास में वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में पहली बार महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता को शामिल किया गया. इससे पहले ओलंपिक में केवल पुरुष मुक्केबाजी ही आकर्षण का केन्द्र रहता था. मुक्केबाजी की पहली प्रतियोगिताओं में जिन महिलाओं ने अपने देश के लिए पदक जीता उसमें भारत की मैरीकॉम भी हैं.
एशियाई कराटे चैंपियनशिप 2012 – नंदिनी का जलवा
भारत की महिला कराटे खिलाड़ी नंदिनी परमार 12वीं जूनियर और कैडेट एशियाई कराटे चैंपियनशिप 2012 के जूनियर वर्ग में कांस्य पदक जीतकर एशियाई कराटे चैंपियनशिप में पदक प्राप्त करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं. नंदिनी परमार ने हांगकांग की खिलाड़ी को पराजित कर कांस्य पदक प्राप्त किया.
सेरेना ने दिखाई अपनी ताकत
अमेरिका की महान महिला टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स ने रूस की महिला टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा को 6-0, 6-1 से हराकर लंदन के ग्रीष्म ओलंपिक-2012 के महिला टेनिस के एकल का स्वर्ण पदक जीत लिया. इसी के साथ सेरेना विलियम्स स्टेफी ग्राफ के बाद कॅरियर गोल्डन ग्रैंडस्लैम और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी बन गईं. स्टेफी ग्राफ ने वर्ष 1988 में गोल्डन ग्रैंडस्लैम और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था.
उसैन बोल्ट ने लंदन कुछ ही मिनटों में नाप दिया
जमैका के धावक उसैन बोल्ट ने लंदन ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ और 200 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. वर्ष 1976 के बाद से ओलंपिक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी खिलाड़ी ने लगातार दो ओलंपिक खेलों में दो एथलेटिक स्पर्धा का खिताब जीता हो. इससे पूर्व फिनलैंड के धावक लासे वीरेन ने साल 1972 और 1976 ओलंपिक खेलों की 5 हजार मीटर और 10 हजार मीटर स्पर्धा में खिताब जीता था.
ओलंपिक महान खिलाड़ी माइकल फेल्प्स
अमेरिका के तैराक माइकल फेल्प्स लंदन ओलंपिक 2012 में अपना 18वां स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही ओलंपिक खेलों में सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी भी बने. इस उपलब्धि के बाद माइकल फेल्प्स ने 4 अगस्त, 2012 को तैराकी से संन्यास ले लिया. संन्यास के समय माइकल फेल्प्स ने ओलंपिक खेलों में कुल 22 पदक जीते. माइकल फेल्प्स ने लंदन ओलंपिक 2012 में भी अन्य सभी तैराकों से ज्यादा पदक (चार स्वर्ण और दो रजत पदक) जीते.
स्क्वॉश टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहली भारतीय महिला
भारत की दीपिका पल्लीकल आस्ट्रेलियन ओपन स्क्वॉश टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं. दीपिका पल्लीकल ने क्वार्टर फाइनल में 17 अगस्त, 2012 को अमेरिका की अमांडा शोबी को हराया. इससे पहले दीपिका पल्लीकल ने जुलाई 2010 में श्रीलंका में आयोजित एशियाई जूनियर्स स्क्वॉश टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता.
मेस्सी के नाम सबसे अधिक गोल
महान फुटबॉल खिलाड़ी और अर्जनटीना के स्ट्राइकर लियोनेल मेस्सी ने एक वर्ष में सर्वाधिक गोल करने का जर्मनी के फुटबॉल खिलाड़ी गेर्ड मूलर का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. गेर्ड मूलर ने वर्ष 1972 में एक वर्ष में 85 गोल किए थे, जबकि लियोनेल मेस्सी ने वर्ष 2012 में 86 गोल किए. 9 दिसंबर, 2012 को बार्सीलोना और रीयाल बेटिस के मध्य खेले गए मैच में लियोनेल मेस्सी ने दो गोल किए, जिसके साथ ही वह एक वर्ष में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने.
पैरालम्पिक में भारत को पहला पदक
भारत के पैरा-एथलीट गिरीश होशांगारा नागाराजेगौडा ने लंदन पैरालम्पिक-2012 में रजत पदक जीता. इसके साथ ही गिरीश पैरालम्पिक में भारत को पहला पदक दिलाने वाले पहले खिलाड़ी बने. कर्नाटक निवासी गिरीश होशांगारा नागाराजेगौडा ने लंदन पैरालम्पिक-2012 के पुरुषों की ऊंची कूद (एफ42) स्पर्धा में यह पदक 4 सितंबर 2012 को जीता. गिरीश होशांगारा नागाराजेगौडा बाएं पैर से विकलांग हैं. उन्होंने 1.74 मीटर की छलांग लगाई.
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